तेलों के संबंध में कुछ विशेष जानकारियां जान लो नहीं तो होगा बुरा असर...

तेल की ज़रूरत पर क्या हम रोक लगा सकते हैं?  तेल की विशेषताएं क्या हैं?  तेल का पूरा अर्थ क्या है? तेल से क्या लाभ है?  तेल कितने प्रकार के होते हैं?

तेलों के संबंध में कुछ विशेष जानकारियां ~

आज विभिन्न प्रकार के तेलों की उपयोगिता एवं उनका क्या महत्व है इसके बारे में न्यूनाधिक रूप से सभी जानते हैं। इस का उद्देश्य भी तेलों के प्रयोग के बारे में जानकारी देना है। किसी भी प्रकार से तेलों का उपयोग करने से पूर्व उनके बारे में कुछ आवश्यक बातों के बारे में जानकारी का होना बहुत आवश्यक है इससे किसी भी संभावित हानि से बचा जा सकता है और प्राप्त होने वाले परिणामों में वृद्धि भी की जा सकती है यहां पर आपको तेलों के बारे में इसी प्रकार की जानकारी देने का प्रयास किया जाएगा 

जिस तेल में कई प्रकार के घटक होते हैं, वह सिद्ध तेल कहलाते हैं। इस प्रकार के तेलों का प्रयोग औषधि रूप में अधिक किया जाता है। इसके अंतर्गत किसी एक तेल में विभिन्न वन औषधीय डालकर उन्हें तब तक पकाया जाता है जब तक कि उनका सार तत्व तेल में ना आ जाए बाद में तेल को छानकर काम में लिया जाता है इस प्रकार के तेलों का मालिश आदि में अधिक प्रयोग किया जाता है।

सिद्ध तेल पुराना होने पर अपनी उपयोगिता खो देते हैं। इसलिए जब भी आप किसी सिद्ध तेल का निर्माण करें तो एक साथ अधिक मात्रा में ना करके केवल इतना ही करें कि उसका प्रयोग आप 10 -15 दिन तक कर सकें इसके बाद पुनः तेल सिद्ध किया जा सकता है।

तेलों को सिद्ध करने से विभिन्न प्रकार के दोष जैसे की चिकनाई गंध दूर होते हैं इसलिए इनका प्रयोग करने पर यह शीघ्र एवं चमत्कारिक प्रभाव देते हैं।

तेल की ज़रूरत पर क्या हम रोक लगा सकते हैं?  तेल की विशेषताएं क्या हैं?  तेल का पूरा अर्थ क्या है? तेल से क्या लाभ है?  तेल कितने प्रकार के होते हैं?

सामान्यतः 

तेलों के दो प्रकार होते हैं - तेज एवं सौम्य तेल। तेज तेल वह होता है जिसकी मालिश से खून तेज गति करता है खून की रुकावट में ऐसे तेल अत्यंत लाभकारी होते हैं सौम्या  तेल वह है इसके उपयोग से अंग नरम हो जाते हैं।

तेल स्निग्ध तथा गर्म दो प्रकार के भी होते हैं।

तेलों के द्वारा मालिश करने का भी एक विशेष विधि होती है इस विधि के अनुसार शरीर के जिस हिस्से पर मालिश करनी हो उसे पहले गर्म पानी से हल्के-हल्के साफ करना चाहिए फिर पोंछ कर सुखा लें इसके बाद हल्के हाथों से धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए।

 तेल को हाथ की हथेली में लेकर पीड़ित स्थान पर आहिस्ता आहिस्ता मालिश करें मालिश करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि  तेल के मलने तथा बालों की एक ही दिशा हो अन्यथा पीड़ा होगी।

तेल की जितनी धीरे-धीरे मालिश की जाए वह उतना ही शरीर में फैलता है और फिर उतना ही जल्दी उसका लाभ दृष्टगोचर होता है।

जोर से तेल मलने से घर्षण होकर उष्डता पैदा होती है, इसलिए पित्तदोष पर कभी भी तेजी से तेल मालिश नहीं करना चाहिए पित्त दोष में तेल को केवल विशेष हिस्से पर लगाकर रखना चाहिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पित्त दोष पर तेल लगाने के बाद उसे सेकना नहीं चाहिए।

सामान्य चोट एवं सूजन की स्थिति में पीड़ित स्थान पर तेल मालिश के बाद सेका जाता है तो लाभ शीघ्र मिलता है किंतु सीखने के पश्चात किसी स्वच्छ सूखे कपड़े से उस स्थान का पानी सोख लेना चाहिए तथा गर्म कपड़े को उसे स्थान पर बांध कर रखना चाहिए।

सेकने के लिए आटे अथवा नमक पाउडर का प्रयोग किया जाता है इसमें भी नमक का शेक अधिक प्रभावी रहता है नमक को गर्म करके एक सूती वस्त्र में डालकर ढीली पोटली बना ले इसके पश्चात धीरे-धीरे पीड़ित अंग का सेक करें बहुत से लोग सुखी बालू रेत से भी सेक करते हैं।

जो व्यक्ति तेल मालिश करता है उसके हाथ नरम होने चाहिए मालिश के बाद पीड़ित स्थान को ठंडी हवा तथा पानी से बचा कर रखें इसके लिए उस स्थान पर कोई पट्टी बांध दें अथवा सूती कपड़े से ढक दें मालिश करने वाला व्यक्ति मालिश के तत्काल बाद अपने हाथों को ठंडा पानी से नहीं धोए कुछ समय रुक कर धोए और धोने से पहले सूखे  कपड़ों से हाथों को पोंछ लें।

तेलों को रोग अनुसार एवं विद्वान वैद्य की बताई गई मात्रा के अनुसार पिया भी जाता है इसमें वैद्य के परामर्श का उल्लंघन बिल्कुल नहीं करें।

मिट्टी के तेल से किसी भी अन्य तेल को सिद्ध नहीं करें मिट्टी का तेल बालों को सफेद करता है।

तेल मालिश से अवयव हल्के हो जाते हैं वह नसे नरम हो जाती हैं इसलिए सप्ताह अथवा माह में एक बार शरीर की सर्वांग मालिश करवाना लाभप्रद रहता है।

सभी तेलों को भली प्रकार से बंद शिशियो में धूप से बचकर किसी अंधेरे अथवा छायादार स्थान पर सुरक्षित रखना चाहिए।

ध्यान दें:

 तेलों का किसी भी प्रकार से प्रयोग करते समय उपरोक्त बातों पर ध्यान देने से अत्यधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है याद रखें कि तेल स्वास्थ्य रक्षक भी है और जीवन रक्षक भी है।

( वैद्य राहुल गुप्ता )

  8849071641

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