पौष्टिक एवं स्फूर्तिदायक नारी कल्याण पाक के फ़ायदे और बनाने की विधि...
🔹यह पाक युवतियों, गर्भिणी, नवप्रसूता माताएँ तथा महिलाएँ – सभी के लिए लाभदायी है ।
🔹लाभ :
यह बल व रक्तवर्धक, प्रजनन – अंगों को सशक्त बनानेवाला, गर्भपोषक, गर्भस्थापक (गर्भ को स्थिर – पुष्ट करनेवाला), श्रमहारक (श्रम से होनेवाली थकावट को मिटानेवाला) व उत्तम पित्तनाशक है । एक – दो माह तक इसका सेवन करने से श्वेतप्रदर (ल्यूकोरिया, अत्यधिक मासिक रक्तस्राव व उसके कारण होनेवाले कमरदर्द, रक्त की कमी, कमजोरी, निस्तेजता आदि दूर होकर शक्ति व स्फूर्ति आती है । जिन माताओं को बार-बार गर्भपात होता हो उनके लिए यह विशेष हितकर है । सगर्भावस्था में छठे महिने से पाक का सेवन शुरू करने से बालक हृष्ट-पुष्ट होता है, दूध भी खुलकर आता है ।
🔹धातु की दुर्बलता में पुरुष भी इसका उपयोग कर सकते हैं ।
🔹सामग्री :
सिंघाड़े का आटा, गेंहू का आटा व देशी घी प्रत्येक २५० ग्राम, खजूर १०० ग्राम, बबूल का पिसा हुआ गोंद १०० ग्राम, पिसी मिश्री ५०० ग्राम ।
🔹विधि :
घी को गर्म कर गोंद को घी में भून लें । फिर उसमें सिंघाड़े व गेंहू का आटा मिलाकर धीमी आँच पर सेंकें । जब मंद सुगंध आने लगे तब पिसा हुआ खजूर व मिश्री मिला दें । पाक बनने पर थाली में फैलाकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर रखें ।
🔹सेवन-विधि :
२ टुकड़े ( लगभग २० ग्राम ) सुबह शाम खायें । ऊपर से दूध पी सकते हैं ।
🔹सावधानी :
खट्टे, मिर्च-मसालेदार व तेल में तले हुए तथा ब्रेड-बिस्कुट आदि बासी पदार्थ न खायें ।
( वैद्य राहुल गुप्ता )
8849071641
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