बढ़े हुए क्रिएटिनिन लेवल को कम करने के आयुर्वेदिक उपाय......
क्रिएटिनिन बढ़ने से शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. सबसे पहले तो किडनी में इंफेक्शन होने लगता है और इसकी शुरुआती यूटीआई से होती है. इसे दौरान महसूस होता है कि बार-बार टॉयलेट आना. कभी पेशाब में जलन की दिक्कत तो कभी पेशाब में कमी.
घटक:
1. वरुण छाल,
2. छोटा गोखरू,
3. पीपल की छाल,
4. सोंठ,
5. पाषाणभेद,
6. मकोय,
7. पुनर्नवा,
8. नीम के पत्ते वा छाल,
9. अन्नतमुल,
10. तिरा,
11. गिलोय,
12. खीरा वा खरबूजे का बीज,
13. कासनी पंचांग,
14. दारू हल्दी,
15. गुलबनफशा,
16. जटामाशी
इन सबको बराबर मात्रा लेकर दरदरा कूट ले।
मात्रा:
25 ग्राम सुखा काढ़ा लेकर 200 ग्राम पानी में उबालें।
50 ग्राम रहने पर छान लें।
इसमें धागे वाली मिश्री मिलाकर पीने को दें।
नोट:
जिस रोगी में दाह से पित्त की अधिकता से मूत्र कम मात्रा में आ रहा हो, मिश्री के स्थान पर शर्वत वाजुरी मिलाएं डायबिटीस रोगी के काढ़े में मिश्री या वजूरी ना मिलाएं।
(वैद्य राहुल गुप्ता )
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